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पता नहीं क्या था / क्रांति

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मेरा, तुम्हारे पास आना
तीर-बिंधे हंस का
सिद्धार्थ के पास आना था;

तुम्हारा मुझे
देवव्रतों को सौंप देना
पता नहीं क्या था।