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परागण / गुल मकई / हेमन्त देवलेकर
Kavita Kosh से
तितली के होंठों में दबे हैं
दुनिया के सबसे सुंदर प्रेम-पत्र
तितली एक उड़ता हुआ फूल है
हंसी किसी फूल की
उड़कर जाती है
एक उदास फूल के पास
उड़कर जाता है मन एक फूल का
एक फूल का स्वप्न
उतरता है किसी फूल के स्वप्न में
दो फूलों के बीच का समय
कल्पना है एक नए संसार की
तितली की तरह
सिरजने की उदात्तता भी होना चाहिए
एक संवदिया में