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पलटा मानुष / मलय रायचौधुरी / दिवाकर ए० पी० पाल
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खतित; धर्म-च्युत:
और ज़िहाद को मुखातिब।
राजश्री-हीन, एक सम्राट
पतित स्त्रियाँ — हरमगामी।
नादिर शाह से तालीमशुदा
तलवार को चूम, जंग को तैयार
हवा पर सवार घोड़ी;
मशालयुक्त मैं घुड़सवार।
टूटे-बिखरे जंगी शामियानों की तरफ़
बढ़ता हुआ मैं।
धू-धू जलते नगर
के दरमियान;
एक नंगा पुजारी —
शिवलिंग के साथ
फ़रार..
1986
मूल बंगला से अनुवाद : दिवाकर ए० पी० पाल