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पसीने का रोना / अरुण आदित्य
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तरह-तरह के सेंट
तरह-तरह के परफ्यूम
भाँति-भाँति के डियो की धूम
अनगिनत रंग-बिरंगी पत्रिकाएँ
रेडियो-टीवी-इंटरनेट-अख़बार
हर जगह मेरे खिलाफ़ इश्तहार
अपनी गंध के लिए लड़ता मैं अकेला
मेरे खिलाफ़ इतना बड़ा मेला