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पहली बार / आनंद गुप्ता

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पहली बार
हमने लुटाए
अंजुरी भर-भर कर तारें
पहली बार
हमने समेटे
बाँह भर कर आकाश
पहली बार
हमने सुनी
पृथ्वी के चलने की आवाज़
नदी के दिल की धड़कन
दो देहों के बीच बजने वाला संगीत
पहली बार हमने सुनी
धरती के किसी अँधेरे कोने से
बाहर आने को आतुर
अंकुरित बीज की किलकारी
पहली बार
हमने जाना
फूलों के हंसने का रहस्य
बसंत के आने का आनंद
जमे हुए मौन का अर्थ
पहली बार
समय से तेज भागते हुए
हमने मापी पूरी पृथ्वी
पहली बार हमने सीखा
जी-जी कर मरना
पहली बार हमने सीखा
मर-मर कर जीना।