पाँच कविताएँ / वेरा पावलोवा / मणिमोहन मेहता
1
काश ! जान पाती कि किस भाषा में
तुम्हारा, मैं तुमसे प्रेम करता हूँ
अनूदित हुआ है,
काश !
मैं मूल तक पहुँच पाती,
शब्दकोष की मदद लेती
यह सुनिश्चित करने के लिए
कि ठीक ढंग से भाव अभिव्यक्त हुआ है
और अनुवादक ने
कोई ग़लती नहीं की है।
2
चमको, राज करो
और जीत लो यह दुनिया।
जी नहींं, शुक्रिया
मैं इस प्रवृत्ति के ख़िलाफ़ हूँ ।
जितना मैं लोगों से प्रेम करती हूँ
उतना ज़्यादा
मैं सीखती हूँ अपने एकान्त से प्रेम करना —
अनचीन्ही राहों पर
दूर तक भटकना , कुछ तलाशना
बतियाना बादलों से
तुम सब कितने ख़ूबसूरत हो।
3
गिरा देना
गिरना
इतनी ऊँचाई से
इतने लंबे समय तक
हो सकता है
अब मेरे पास
बहुत वक्त होगा
उड़ना
सीखने के लिए।
4
एक तनी हुई
रस्सी पर चलती हूँ
दोनों हाथों में
एक-एक बच्चा
संतुलन के लिए।
5
और ईश्वर ने देखा
यह अच्छी थी
और आदम ने देखा
यह बेजोड़ थी
और हव्वा ने देखा
बस ठीक-ठाक थी।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : मणिमोहन मेहता