भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पांचवां प्रेम / कर्णसिंह चौहान
Kavita Kosh से
पांचवें प्रेम में
फिर पछताया पेचीनोव
पूरब के प्रांगण का
अनगिन रहस्य भरा
वह मंदिर
कहां है?