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पाचहिं पान भगता रे / अंगिका
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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पाँचहि पान भगता रे खिलिया लगौले।2
मन खुशी भेलै भगता रे मैया शीतल के
दियवे न दियवे माता हे आजु हे पानमा।
पाँचहि पान भगता रे खिलिया लगौले।
मन खुशी भेलै भगता रे मैया मालतो के
दियवे न दियवे माता हे आजु हे पानमा।
पाँचहि पान भगता रे खिलिया लगौले।
मन खुशी भेलै भगता रे मैया धनसरो के
दियवे न दियवे माता हे आजु हे पानमा।
पाँचहि पान भगता रे खिलिया लगौले।
मन खुशी भेलै भगता रे मैया फूलसरो के
दियवे न दियवे माता हे आजु हे पानमा।
पाँचहि पान भगता रे खिलिया लगौले।
मन खुशी भेलै भगता रे मैया सभाई के
दियवे न दियवे माता हे आजु हे पानमा।