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पाणी रै पाण / विनोद कुमार यादव
Kavita Kosh से
पाणी री ई है
सगळी माया
सगळी कहाणी
पाणी है तो
जिनगाणी है
नीं फिरो गाणी-माणी
पाणी है तो
जीयां जूण
रूंख जिनावर
जड़-चेतन
सो कीं है
पाणी रै पाण ई
चालै
विधि रा विधान
देष रा संविधान
पाणी ई है
जको बचावै पाणी
मिनख रो।