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पाना-चुकाना / मालचंद तिवाड़ी
Kavita Kosh से
पढ़ाता हूं क्लास में
क्या है एसेट्स
क्या लायबिलीटीज
विचार करता हूं-
तुम क्या हो मेरे लिए ।
क्या तुमसे पाना है
कि कुछ चुकाना है ?
यदि पाकर चुका कर
पार उतरना है
तो किसके
अपने या तुम्हारे ?
अनुवादः नीरज दइया