ऋषिकेश के बाद 
गँगा अभी भी हरी है। 
शीशे-सा दिगन्त 
शिखरों के बीच टूटकर बिखर जाता है । 
बिल्लौर के बीच हम टहलते हैं । 
ऊपर और नीचे 
शान्ति ही शान्ति । 
नीले आसमान में 
सफ़ेद पत्थर, काले बादल 
तुम कहती हो : 
Le pays est plein de sources<ref>यह देश सोतों से भरपूर है। मूल कविता में यह पँक्ति स्पेनिश में नहीं, बल्कि फ़्रांसीसी में है।</ref>. 
उस रात डुबो दी मैंने अपनी हथेलियाँ तुम्हारे सीने में ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य
शब्दार्थ
<references/>