पालकी में बैठ कर आया करो ऐ जिंदगी
हर किसी को हर घड़ी भाया करो ऐ जिंदगी
काला-काला टीका माथे पर तुम्हारे चाहिए
बन-संवर कर जब कभी आया करो ऐ जिदगी
सबसे है रिश्ता तुम्हारा सदियों से फिर पर्दा क्यों
अपना असली रूप दिखलाया करो ऐ जिंदगी
बेवज़ह हर एक पल मायूस क्यों हो आदमी
साथ अपने हर खुशी लाया करो ऐ जिंदगी
गर्मियों की तेज़ तपती धूप सी छाई हो तुम
छाना है तो बदली सी छाया करो ऐ जिंदगी
प्यार का हर राग गाती हो तो प्यारी लगती हो
प्यार का हर राग ही गाया करो ऐ जिंदगी