हम्मू वीर सपूत कहैबै,
दुश्मन के दिल केॅ दहलैवै,
वीर शिवाजी, तिलकामांझी
बनबै कुंवर सिंह, महराणा
पिन्हभै हम केसरिया बाना ।
मंगल सन ही आग छै अन्दर
खुदीराम सन मस्त कलंदर
हमरोॅ अंदर लक्ष्मीबाई
वीर बहादुर पेशवा नाना
पिन्हबै हम केसरिया बाना ।
हम्मू तेॅ आजाद भगत सिंह
राजगुरु, असफाक आरो विस्मिल
हम्मू तेॅ ई देश के खातिर
वीर सुभाषोॅ सन दीवाना,
पिन्हभै हम केसरिया बाना ।
रचनाकाल- 23 मार्च 2014