"अंतर्राष्ट्रीय मानसिकता जगाओ "
मैं कहती हूँ अपने पुराने विद्यार्थियों से 
सेवा निवृति के बाद 
शुरू किया मैंने पढ़ना अंग्रेजी .
एक दिन कक्षा में ,
देखा मैंने हवाई-जहाज़ 
"आई ?"
नहीं "ऐ".
अकस्मात कोई तार मेरे दिमाग का 
जुड़ जाता है पुरानी यादों से .
गूँजती आवाजें 
एक स्कूली बच्ची क़ी आवाज़ 
"ऐरो- ऐ, इ, आर, ओ,
प्लेन -पी,एल ,ऐ ,एन ,ई .."
लिखने में -
ऐ, इ, आर, ओ,
पी,एल ,ऐ ,एन ,ई .."
बोलने में -
एरोप्लेन .
आहा इस तरह 
मैं सीखती हूँ शब्द मन लगा कर 
जोड़ कर यादों से 
उभरती है ज्ञान की बातें 
जैसे के कंप्यूटर से ! 
अनुवादक: मंजुला सक्सेना