भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पुनर्जन्म / सौमित्र सक्सेना
Kavita Kosh से
भूल होती है
तो दो बार काम करना पड़ता है
जो कहानी अच्छी लगती है
उसे दो बार पढ़ता हूँ
जहाँ से भी मन जुड़ जाता है
दोबारा जाता हूँ वहाँ
गर्भवती औरतें एक बार हँसती हैं
पर आवाज़ दो बार आती है
ऐसा जाने उन्हें क्या अच्छा लगता है
जिसे वो दोबारा सुनना चाहती हैं ।