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पुरूष-दृष्टि-एक / कमलेश्वर साहू
Kavita Kosh से
गर्मी के दिनों में
पीपल की छाया है
शीतल हवा का झोंका
बारिश के दिनों में
सिर पर तना हुआ छाता
ठंड के दिनों में
जिस्म से लिपटी हुई रजाई
और बसंत के दिनों में . . . . .
बसंत के दिनों में
आंगन में खिला हुआ
सबसे सुन्दर सबसे ताजा फूल
सांसों में बसी हुई
सबसे प्यारी खुश्बू है पत्नी !