पूछब रहि गेल / दीपा मिश्रा
हमरा हमर माएसँ बहुत किछु पूछब रहि गेल
हम पूछय चाहैत रही हुनकासँ जे स्वप्नक टूटब केहेन होइत छै ?
की हमरे जेना हुनको टुटलैन जखैन हाथसँ क़लम छोड़ा दोसरके हाथ धरा देल गेलैन?
हमरा मोन होइत छल पूछी माएसँ जे हमर पिताक अतिरिक्त की कोनो आनो पुरुष हुनक जीवनमे कहिओ आएल छलैन?
प्रेमकेँ समाज पाप किएक बुझैत छै?
ई पुछला पर संभव छल जे हमरासँ ओ बाजब छोड़ि देने रहितैथ
इहो कतेको बेर इच्छा भेल जे पूछी जे सब लेल एतेक करैत हुनकर मोन नै थकैत छैन की?
इच्छाकेँ मारब केहन होइत छै,आंचरसँ नुकाकेँ नोर पोछैत कतेको बेर देखलियैन
मुदा कहिओ नै पूछि सकलौं
प्रश्न बहुत छल लेकिन हमर माँ जाधरि स्वस्थ छलीह
हुनका काजसँ पलखति समय नै होइत छलैन
हमरा अपन माएसँ बहुत किछु बतेबाक मोन होइत छल
पहिल बेर किशोरवयमे अन्हारमे भरिपाँज किओ भरि लेने छल
ओ बात कतेको बेर चाहलौं
माँ के कही
ओहि प्रेम पत्र के हम हुनका देखबय चाहैत रही जकर नीचाँ कोनो नाम नै छल
हमर दादी ओकरा चुल्हीमे ज़रा देलैन मुदा माँ के नै कहै लेल कहलैन
हम बतबय चाहैत रही विवाहक बादके अपन गपसप मुदा
नैहर गेला पर हमर माँके भनसाघरसँ कहिओ फुरसति पबैत हम नै देखलौं
हमरा होइए आब जे हम माए के बस माँ
बुझैत रहलौं
हुनका एकटा स्त्री रूपमे हम कहाँ कहिओ चिन्हलौं
बहुत रास प्रश्न हमरा पूछब रहि गेल
बहुत रास बात अपन कहब रहि गेल
आब जखैन की हमर माए माटि बनि चुकल
भरिछाक हम माएकेँ अपन मोनक सबटा नीक अधला बात कहैत छी
हुनक गेलाक बाद हम बेसी हुनका संग बात करैत छी
माँ चुपचाप हमर सब बात सुनि लैत छथि
मुदा जबावमे पता नै किएक एको शब्द नै कहैत छथि?