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पूजा फलेगी / प्रेमलता त्रिपाठी
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पीडा़ जगायें, न दीन सतायें।
करुणा नयन ये, आँसू बहायें।
साहस भरें दम, पूजा फलेगी,
पग-पग सदा हम, मिलकर बढ़ा़यें।
घातक गरीबी, व्याकुल करे मन,
विपदा कटेगी, अजान मिटायें।
आयी चीन से, आफत करोंना,
करनी सुरक्षा, समय न गँवायें।
कानून अपना, अंधा न बहरा,
असत्य बुराई, न शीश उठायें।
मुस्कान अपनी, यूँ खो रही क्यों,
हँसती बहारें, फिर द्वार आयें।
अंतस सँवारे, हो प्रेम पुष्पित,
क्यों पाप धोने, गंगा नहायें।