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प्यार करने की ये इस दिल को सज़ा दी जाए / फ़रहत शहज़ाद

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प्यार करने की यह इस दिल को सज़ा दी जाए
उसकी तस्वीर सरे-आम लगा दी जाए

ख़त में इस बार उसे भेजिये सूखा पत्ता
और उस पत्ते पे इक आँख बना दी जाए

इतनी पी जाए कि मिट जाए मन-ओ-तू<ref> मैं और तू </ref>की तमीज़
यानि ये होश की दीवार गिरा दी जाए

आज हर शय का असर लगता है उल्टा यारो
आज `शहज़ाद' को जीने की दुआ दी जाए
 

शब्दार्थ
<references/>