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प्यार / परवीन शाकिर
Kavita Kosh से
अब्र-ए-बहार ने
फूल का चेहरा
अपने बनफ़्शी हाथ में लेकर
ऐसे चूमा
फूल के सारे दुख
ख़ुशबू बन कर बह निकले हैं