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प्यास के मारों के संग ऐसा कोई धोका न हो / वीनस केसरी
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प्यास के मारों के संग ऐसा कोई धोका न हो
आपकी आँखों के जो दर्या था अब सहरा न हो
उनकी दिलजोई की खातिर मैं खिलौना हूँ जिसे
तोड़ दे कोई अगर तो कुछ उन्हें परवा न हो
आपका दिल है तो जैसा चाहिए कीजै सुलूक
परा ज़रा यह देखिए इसमें कोई रहता न हो
पत्थरों की ज़ात पर मैं कर रहा हूँ एतबार
अब मेरे जैसा भी कोई अक्ल का अँधा न हो
ज़िंदगी से खेलने वालों जरा यह कीजिए
ढूढिए ऐसा कोई जो आखिरश हारा न हो