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प्रगतिशील / रंजना जायसवाल
Kavita Kosh से
जनेऊ की जगह
मांस की मोटी लकीर है
चोटी सिर के ऊपर नहीं
मस्तिष्क की शिराओं को
निर्देशित करती
अंदर गतिशील है
जी,सही समझे आप
ऐसे ही आज के
प्रगतिशील हैं