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प्रतीक / विवेक निराला

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भाषा में देश था
देश में धर्म
धर्म में नायक थे
नायकों में राम
राम में भय था
भय का पार्टी से लेकर
भेड़िये तक कई प्रतीक थे
प्रतीकों में प्रेम नहीं था
प्रेम का प्रतीक कोई नहीं था