प्रभु! मोहि देउ साँचौ प्रेम।
भजौं केवल तुमहि, तजि पाखंड, झूँठे नेम॥
जरै बिषय-कुबासना, मन जगै सहज बिराग।
होय परम अनन्य तुहरे पद-कमल-अनुराग॥
प्रभु! मोहि देउ साँचौ प्रेम।
भजौं केवल तुमहि, तजि पाखंड, झूँठे नेम॥
जरै बिषय-कुबासना, मन जगै सहज बिराग।
होय परम अनन्य तुहरे पद-कमल-अनुराग॥