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प्रश्न / लीलाधर जगूड़ी

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धर्म में भगवान होते हैं

या भगवानों के भी अपने कुछ धर्म ?


क्यों मरना पड़ता है

क्यों जन्म लेना पड़ता है भगवान को भी ?

क्या जड़ ही दीर्घायु होते हैं


अपने को और अधिक गुलाम बनाने के लिए

भगवान ही हमारा सर्वोच्च मालिक क्यों हो ?

जबकि जन्म हमने लिया,मरना हमें है


क्या हमारी समस्याएं ही उसके होने का आधार हैं ?

या मनुष्यों की तरह भगवान को भी वैविध्य पसंद है ?

अगर ऐसा है तो भगवान !

तेरा मनुष्य होना बहुत पसंद आया मुझे ।