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प्रेम तराना गाये / कमलेश द्विवेदी
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मेरा दिल दीवाना गाये.
गाये प्रेम तराना गाये.
अफ़साना लिख जाये कोई,
फिर कोई अफ़साना गाये.
उसके गीत सुनूँ तो लगता-
स्वर जाना-पहचाना गाये.
संग शमा के जलते-जलते,
जाने क्या परवाना गाये.
तीर चले नैनों के जब-जब,
घायल हो दीवाना गाये.
गाते-गाते वो शर्माये,
तो उसका शर्माना गाये.
प्यार भरा प्याला जो पी ले,
जीवन भर मस्ताना गाये.
जो-जो रास रचाये उसने,
वृन्दावन-बरसाना गाये.
मेरी गज़लें ऐसी ग़ज़लें,
मेरे साथ ज़माना गाये.