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प्रौढ़ उम्र का प्रेम / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित
Kavita Kosh से
अधेड़ उम्र का प्यार
कहीं
छलावा तो नहीं
यह प्यार
केवल मानसिक मंथन का है
जिसमें शरीर का कोई काम नहीं
और
शरीर रूपी जन
लेेते हैं कई कई तरह की
गोलियां, रंग-बिरंगी
कैप्सूल, वगैरह-वगैरहा?
यह
उम्र है वो
जिसमें सयानापन ज्यादा
है
बनिस्पत लड़कपन से
लेकिन
मन में वहीं हिचकोले का
आनंद दौड़ता है
जो जवानी में दौड़ता था
और दौड़ तो कभी भी
लगायी जा सकती है