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फसल जे रात-दिन के काटेला / केदारनाथ मिश्र 'प्रभात'
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फसल जे रात-दिन के काटेला
प्रकाश-तम के खाई पाटेला
हाथ ऊंहे समय के माथे पर
जिन्दगानी के सूर्य साटेला