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फ़ना / निर्माण / कैलाश वाजपेयी
Kavita Kosh से
लोग पूछते हैं कहाँ उसे पाएँ हम
धरती के किस टुकड़े को घेर कर
किस क़िस्म का कैसा गुम्बद बनाएँ हम
कि वहाँ क़ैद हो जाए
कितनी ऊँचाई से, किस भाषा में, कितनी
ज़ोर से आवाज़ दें हम
कि उसे सुनाई पड़ जाए
अजीब बात है
मछली को पानी में है मछली
पानी की तलाश है.