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फ़ासिस्ट / मुकेश मानस
Kavita Kosh से
मैंने कहा
गंगा गंगोत्री से निकलती है
उसे अपने इतिहास पर ख़तरा लगा
उसने मुझे मार दिया
मैंने कहा
श्रीराम दिल्ली में रिक्शा चलाते हैं
उसे अपने धरम पर ख़तरा लगा
उसने मुझे मार दिया
मैंने कहा
ईश्वर आदमी का दुश्मन है
उसे अपनी शिक्षा पर ख़तरा लगा
उसने मुझे मार दिया
मैंने कहा
हिन्दू मुस्लिम भाई-भाई हैं
उसे अपनी नीति पर ख़तरा लगा
उसने मुझे मार दिया
उसने मुझे बार-बार मारा है
मैंने बार-बार उसका चेहरा उघाड़ा है
दरअसल वो हत्यारा है।