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फाइलों मे छिपा दिया पानी / विनय कुमार
Kavita Kosh से
फाइलों मे छिपा दिया पानी।
पूछते हो कहाँ गया पानी।
हमने डाली थी जान की बाती
तुमने डाला दिया-दिया पानी।
चांद चुपचाप झील में उतरा
मछलियों नें हिला दिया पानी।
वो मगरमच्छ क्या बताएगा
किसने किस घाट का पिया पानी।
काम सुइयाँ वहां नहीं करतीं
पानियों को करे सिया पानी।
आप उस पर बयान लिखते हैं
जिस वरक़ का है हाषिया पानी।
पांव के ज़ख्म का मज़ा देखो
मैंने पांव से चख लिया पानी।