फागुण मा / बलबीर राणा 'अडिग'
प्योंली फूलीग्ये फ़ागुण मा,
डाला मौळीगे फागुण मा
हरि भरि ह्वेगी डांडी काँठी,
लयाँ फुलार फागुण मा।
रंगों की रंग्वळी फ़ागुण मा,
छारे छरौळी फ़ागुण मा।
चौक-चौबारा खौला-तिवारा,
रंगत रंगत फागुण मा
बुराँसी को रंग सौंजड्यों संग,
हौंस उलार फ़ागुण मा।
खेल्दा होरी मंग्दा भोरी,
छोरों की टोली फ़ागुण मा
रंगे की रंग्वली.............
छारे की छरौळी.........।
तुण-तुणी तान ढोल दमुआ
बाजण लेग्ये फ़ागुण मा
हुर्यावों की टोली म्वरी-मोरी
झूमण लेग्ये फ़ागुण मा।
लपडा-लपोड़ी द्यूरा-भौजी की जोड़ी
ग़ल्योडियों पे पिरेम फ़ागुण मा
रंगे की रंग्वली.............
छारे की छरौळी.........।
बसन्ते की बार चों दिशों साsर
बोण झकमक कार फ़ागुण मा
ज्वानियों मा उलार दानु मा मौल्यार
आणु च धर-धार फ़ागुण मा।
झाँज्यों की बार अदा पव्वों की डार
बाटा-घाटा लंगत्यार फागुण मा
रंगे की रंग्वली.............
छारे की छरौळी.........।