भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

फागुन-1 / मणिका दास

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

घर के सामने
फागुन की डाकिया हवा

हाथों में गिरे हुए
पत्ते की सूखी चिट्ठी

चिट्ठी के भीतर
धूल का गुलाल