भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
फाग गीत / 4 / भील
Kavita Kosh से
भील लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
राम ने लछमण री जोड़ दोई अगियाधारी रे॥
सीताजी रा वेर में लंका ने बाली रे,
रावण मारियो।ं
हाँ रे रावण मारियो, राज तो विभीषण करिया रे,
रावण मारियो॥
- राम-लक्ष्मण दोनों की जोड़ आज्ञाकारी है, सीताजी के बैर में रावण को मारा और राज्य विभीषण ने किया।