फिरंगी के चमचे पक्के / रणवीर सिंह दहिया
जगह-जगह पर फिरंगियों ने अपने भेदिये और एजैंट छोड़ दिये थे जो अंग्रेजों को रानी लक्ष्मी बाई व झलकारी बाई के बारे में सूचनायें फिरंगी के दरबार में पहुंचाते थे। कई-कई गांव में ये आंतक का प्रयाय बन गये थे। एक गाम में झलकारी बाई और महिला पुरूष अपनी बातों को लेकर मीटिंग कर रहे थे कि वहां पर ये लोग आकर उल्टी सीधी बातें करने लगे और लोगों को डराने धमकाने लगे। वे अपने बारे में क्या बताते हैं भलाः
फिरंगी के चमचे पक्के, छुटाद्या सबके छक्के
मरवादयां सबवैफ धक्वेफ, लोग रहैं हक्के बक्के
हम किसतै नहीं घबरावां, फिरंगी नै करां सलाम॥
चले जिस घर मैं जावां, ईंट तै ईंट उड़ै भिड़ावां
आपस में लाठ बजवावां, कति नहीं हम सरमावां
थारे गाम का कर दयोगे हम एक दिन पहिया जाम॥
हम लाते ताश की बाजी, झूठ बोलां कति ताजी
रहते जो शरीपफ बंदे, करदयां उनवेफ कपड़े गन्दे
ईमानदारां की कर द्योगे हम नींद हराम॥
हम सां खद्दर धारी, सब मानैं बात ये म्हारी
हम दे द्यां खड़ी बुखारी, हम सा कसूत खिलारी
भिड़ै सांझ नै पोली मैं म्हारे जाम तै जाम॥
म्हारै साहमी ना डट पाया, धोबी पछाड़ कर लाया
गाम के बजा दिये बारा, लादी इसी इसकै गारया
कति उत्तरी कोन्या धोई खूब सुबह और शाम॥
पहलवान एम एल ए म्हारा, करदे बारा छह ठारा
लगावां सबकै रगड़ा, बिन बात कर झगड़ा
रणबीर बरोने आला एकाध बै कसै लगाम॥