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फूल तूड़े गइली राम राजा जी के बगिया / महेन्द्र मिश्र
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फूल तूड़े गइली राम राजा जी के बगिया से निहारी लेलीं ना।
सखी दुनू रे सजनवाँ से नाहिरी लेलीं ना।
कबहीं ना देखलीं रामा अइसन सुरतिया से लागी। गइलें ना।
हम के बांकी रे नजरिया से लागी गइलें ना।
एक मन करे रामा गरवा लगइतीं दूसर मनवाँ ना।
मोरा हँसिहें सजनवाँ दूसर मनवाँ ना।
कहत महेन्द्र मोरा मोहेले परनवाँ से मिलाई देहू ना।
कवनो करी के जतनवाँ राम मिलाई देहू ना।
कवनो करी के जतनवाँ राम मिलाई देहू ना।