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फूल बनकर मुस्कराना चाहिए / रोहिताश्व अस्थाना
Kavita Kosh से
जिंदगी हँसकर बिताना चाहिए,
चुटकुले सुनना, सुनाना चाहिए।
रात-दिन आँसू बहाने से भला,
फूल बनकर मुस्कराना चाहिए।
चाट का ठेला खड़ा है सामने,
आज कुछ खाना, खिलाना चाहिए।
आ गया इतवार पापा जी हमें-
आज तो सरकस घुमाना चाहिए।
मास्टर जी हम पढ़ेंगे शौक से-
पर खिलौने कुछ दिलाना चाहिए।
देश को खुशहाल रखना है अगर-
हमको संसद में बिठाना चाहिए।