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फेरों-कन्यादान का गीत / 13 / राजस्थानी
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राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
सिरगूथी के समय का गीत
म्हारी कांगसडी बन्नी नौरंग ये, तू तो यो घर, यो घर मांग ये।
तू तो दशरथ जी सुसरो, मांग ये, यो कौशल्या सासू मांग ये।
तू तो लक्ष्मण देवर मांग ये, तू तो उर्मिला दोरानी मांग ये।
तू तो अर्जुन ननदोई मांग ये, तू तो सुभद्रा नन्दन मांग ये।
तू तो रामचन्द्र जी बन्नो मांग ये, सुहाग रे बन्नी को मांग ये।