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बउआ कान छू / चन्द्रमणि

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राम छू रहमान छू
गीता अर कुरान छू
मोल बिकएबें नै बजारमे
पहिने बउआ कान छू।
पाई गनाकऽ कनिया अनबें
नहि चलतौ अकबालक सोटा
भात खाइले थारी मंगबे
आगु आनिकऽ रखतौ लोटा
मायक माय ई धनती नानी
तकरा ठामहि ठाम छू। राम.......
जौं रहबेँ कीनल सासुर के
अपनहि हल्लुक कनि´ा भारी
कहतौ मनसा पहिरै धरिया
आदि दे हमरा साड़ी
पुरूष जातिकें लाज बचबिहें
अपन पियरगर प्राण छू। राम ...
मांग घरक पूरा नहिं करबें
भरि दिन भन-भन करतौ कनियाँ
सब दिन माथा झुकले रहतौ
पिता तोहर जौं
हेथुन्ह बनियाँ
दिनक गवाही चकमक सूरज
रातुक मामा चान छू। राम.....