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बचपन - 3 / हरबिन्दर सिंह गिल
Kavita Kosh से
बचपन एक किताब है
जिसमें छुपा है ज्ञान मानवता का
”बचपन एक पहेली है
जो मानव के लिये अर्थ है।“
बचपन एक कविता है
जिसमें प्रकृति के बोल हैं
बचपन एक गीत है
जिसमें संगीत है, संस्कृति का
बचपन एक खेल है
जिसमें हार जीत नहीं है।
बचपन एक संघर्ष है
जिसमें कोई मन मुटाव नहीं है।
बचपन एक लगन है
जिसमें कोई स्वार्थ नहीं है।
बचपन एक सत्य है
जिसमें भगवान का वास है
ऐसे ही कई मूल्यवान ईटों से बनी
बचपन की नींव ही
है, आधार मानवता का।