बदबू / कुमार विकल
एक शब्द—
भयावह बिंबों का स्रोत
जो मैंने—
अपने शब्द—कोश से काट दिया था
आज हवा में
सायरन की आवाज़ों ने लुढ़का दिया है.
युद्ध… .
अख़बार बेचने वाला लड़का चिल्लाता है—
—पिकासो नई गुएर्निका बनाएँगे
पाल राब्सन सैनिक—शिविरों में
शोक—गीत गाएँगे—
लाशों के अम्बार पर बिस्मिलाह ख़ाँ—
फौजी धुनें बजाएँगे.
और धीरे—धीरे—
चीज़ों के संदर्भ बदल जाएँगे.
अर्थात—
खेतों में बीज डालने वाले हाथ
नरभक्षी गिद्ध उड़ाएँगे.
अब खेतों से पकी हुई फ़स्लों की गंध नहीं आएगी
बल्कि एक बदबू —सी उठकर
नगरों—ग्रामों
गली—मुहल्लों
घर—आँगन
देहरी—दरवाज़ों तक फैल जाएगी.
बदबू…
मेरे तुतलाते बच्चे ने पहला शब्द सीखा है—
और उसके होंठों से
दूध की बोतल फिसल गई है.
युद्ध —
एक शब्द…
जो मैने—
अपने शब्द-कोश से काट दिया था
मेरे बच्चे के शब्द-कोश के—
प्रथम शब्द का मूल स्रोत है.