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बदरा पानी दे ! / रमेश रंजक

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(छोटे खेतिहर बालक की पुकार)

पास नहीं है बैल -- बदरा पानी दे !
ज़ालिम है टूवैल -- बदरा पानी दे !

इज़्ज़तदार ग़रीब पुकारे
ढोंगी मारे दूध-छुआरे

चटक रही खपरैल -- बदरा पानी दे !

इतने ठनगन दिखा न भाई
खबसूरत औरत की नाँई

तू भी हुआ रखैल -- बदरा पानी दे !

छोड़ पछाँही लटके-झटके
एक बार नहला जा डट के

तू ! ग़रीब की गैल -- बदरा पानी दे !

ऐसी झड़ी लगा दे प्यारे
भेद-भाव मिट जाएँ हमारे

छूटे सारा मैल -- बदरा पानी दे !