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बदलाव / विजयेन्द्र
Kavita Kosh से
कलिंग लड़ाय के बाद
हममें नै देखनें छेलियै
कौनो विजय रोॅ कतार
से पाली लै छेलियै मनोॅ में
हारी केॅ एकठो जीत के आस
एक दिन हारिये गेलियै ।
‘दुश्मन संहारणम्’ के बदला
‘बुद्धं शरणम्’ केॅ चुनलियै ।
अहिंसा के फूल सें
कटतें रहलै हमरोॅ दर्प ।
दर्पण कानी पड़लै
अतीत रोॅ गौरवशाली इतिहास
अजायब घर के चीज
बनी केॅ रही गेलोॅ छै ।
रामलीला-रासलीला के
कड़ी जोड़ी रहलोॅ छियै ।