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बन्द कर दिया बिजली-पानी / रमेश रंजक
Kavita Kosh से
जहाँ न पाए वोट वहीं पर
बन्द कर दिया बिजली-पानी।
इस पर की यह मेहरबानी
थाने में उसको बुलवाया
जिसको थी आवाज़ उठानी।
ऐसी दहशत भरी शहर में
दिन की प्यास, रात की स्याही
सई-साँझ में बन्द हो गई
नून-तेल की आवाजाही
गुण्डों को ऐसी शह दे दी
पूरी रात करें मनमानी।
जहाँ-जहाँ सरकारी क्वाटर
वहाँ-वहाँ है गंगा वाटर
सुविधाओं से कटे रहे वो
जो न हुए सरकारी चाकर
सरकारी चाकरी मुखबिरी
घूम रही होकर पटरानी।