भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बन्द गोभी / चार्ल्स सिमिह / मनोज पटेल
Kavita Kosh से
वह काटने ही वाली थी
गोभी को दो हिस्सों में
मगर मैंने उसे फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया
यह बताकर कि
’बन्द गोभी प्रतीक होती है रहस्यमय प्रेम की’
या कुछ ऐसा ही कहना था किसी चार्ल्स फ़ूरियर का,
जिसने ऐसी ही तमाम अजब अनोखी बातें कही थीं,
जिसकी वजह से लोग उसे पागल कहा करते थे उसकी पीठ पीछे,
उसके बाद मैंने
बहुत आहिस्ता से चूम लियआ उसकी गरदन के पीछे,
उसके बाद उसने गोभी को काट दिया दो हिस्सों में
अपने चाकू के एक ही वार से ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : मनोज पटेल