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बयाबाँ हो के सहरा हो मुझे तेरा सहारा हो / बेगम रज़िया हलीम जंग
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बयाबाँ हो के सहरा हो मुझे तेरा सहारा हो
तूई ख़ुर्शीद हो मेरा तूई मेरा सितारा हो
बुलंदी हो के पस्ती हो कहीं बैठूँ कहीं जाऊँ
वहीं पर मेरा काबा हो वहीं तेरा नज़ारा हो
न ये दुनिया न वो उक़बा मेरी तो इक तमन्ना है
रहूँ क़दमों तले तेरे तूई मेरा किनारा हो
रहो पर्दों में तुम मख़्फ़ी मगर जब दिल में झाँकूँ मैं
तुम्हारा ही नज़ारा हो तुम्हारा ही नज़ारा हो
मेरी आँखों में बस जाओ ज़रा तुझ पर तरस खाओ
ज़मीनों आसमानों में तुम्हीं इक माह-पारा हो