♦   रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
- अंगिका लोकगीत
 - अवधी लोकगीत
 - कन्नौजी लोकगीत
 - कश्मीरी लोकगीत
 - कोरकू लोकगीत
 - कुमाँऊनी लोकगीत
 - खड़ी बोली लोकगीत
 - गढ़वाली लोकगीत
 - गुजराती लोकगीत
 - गोंड लोकगीत
 - छत्तीसगढ़ी लोकगीत
 - निमाड़ी लोकगीत
 - पंजाबी लोकगीत
 - पँवारी लोकगीत
 - बघेली लोकगीत
 - बाँगरू लोकगीत
 - बांग्ला लोकगीत
 - बुन्देली लोकगीत
 - बैगा लोकगीत
 - ब्रजभाषा लोकगीत
 - भदावरी लोकगीत
 - भील लोकगीत
 - भोजपुरी लोकगीत
 - मगही लोकगीत
 - मराठी लोकगीत
 - माड़िया लोकगीत
 - मालवी लोकगीत
 - मैथिली लोकगीत
 - राजस्थानी लोकगीत
 - संथाली लोकगीत
 - संस्कृत लोकगीत
 - हरियाणवी लोकगीत
 - हिन्दी लोकगीत
 - हिमाचली लोकगीत
 
बलमा घर आयो फागुन में -२
जबसे पिया परदेश सिधारे,
आम लगावे बागन में, बलमा घर…
चैत मास में वन फल पाके,
आम जी पाके सावन में, बलमा घर…
गऊ को गोबर आंगन लिपायो,
आये पिया में हर्ष भई,
मंगल काज करावन में, बलमा घर…
प्रिय बिन बसन रहे सब मैले,
चोली चादर भिजावन में, बलमा घर…
भोजन पान बानये मन से,
लड्डू पेड़ा लावन में, बलमा घर…
सुन्दर तेल फुलेल लगायो,
स्योनिषश्रृंगार करावन में, बलमा घर…
बसन आभूषण साज सजाये,
लागि रही पहिरावन में, बलमा घर…