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बहनों के लिए / सुरेश चंद्रा
Kavita Kosh से
खट्टी सी
मीठी भी
तीता भी ज़रा
तुम में
ज़रा सी दुष्ट, मगर
ढेर सारा, प्यार भरा
तुम में
माथे पर खुशी की रोली
नेह-तागा, कलाई पर
हँसी रही तुम, होठों पर
आँख में अक्सर, भर आई पर
सुखी रहो, सदा-सदा
शुभ, मंगल, सर्वदा