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बहुत इंतज़ार किया / वत्सला पाण्डेय
Kavita Kosh से
बहुत इंतज़ार किया
मैंने तुम्हारा
ख्यालों को बुनती गयी
कि तुम आओगे
मुस्कुराओगे
थाम लोगे मुझे
और पूछोगे
कैसे बिताये
पल मेरे बिना
पर तुम आये तो
थकान और झुंझलाहट की
सौगात लेकर...