बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
बागन बिरछा आम के कोयल है रखवारी।
आधी रैन कोयल बोलियो नागरी सब सोये।
एक न सोवे बेटी आजुली जिन घर नातिन कुँआरी।
बागन बिरछा आम के कोयल है रखवारी।
आधी रैन कोयल बोलियो नागरी सब सोये।
एक न सोवे बेटी आजुली जिन घर नातिन कुँआरी।